टीचर्स डे पर बच्चों के लिए कहानी रंग बिरंगी चाय की प्याली – Hindi Kahani

टीचर्स डे पर बच्चों के लिए कहानी रंग बिरंगी चाय की प्याली – Hindi Kahani

टीचर्स डे ( teachers day ) पर बच्चों के लिए कहानी “ रंग बिरंगी चाय की प्याली “ से पहले प्यारे बच्चों और पेरेंट्स, आपनें कहानी पढ़ी थी बदसूरत बत्तख़ का बच्चा | आज हम आपके लिए दूसरी कहानी लेकर आये हैं जो शिक्षक दिवस पर बच्चों की के लिए सबसे सुंदर कहानी है | एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक प्यारा सा स्कूल था। उस स्कूल में सभी बच्चे और उनके शिक्षक बहुत ही खुश और मिलनसार थे। बच्चों के दिलों में अपने शिक्षक, मिस्टर रवींद्र के लिए बहुत खास स्थान था। मिस्टर रवींद्र केवल एक शिक्षक नहीं थे, बल्कि एक दोस्त, मार्गदर्शक और कभी-कभी तो बच्चे उनके लिए एक परिवार की तरह बन जाते थे।

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बच्चो की कहानियां | baccho ki kahaniyan teacher day

टीचर्स डे आने वाला था, और बच्चों ने सोचा कि इस बार वे अपने शिक्षक को एक खास और अनोखा उपहार देंगे। उन्होंने अपने दिमाग की सारी बत्तियाँ जलाकर सोचा कि ऐसा क्या किया जाए जिससे मिस्टर रवींद्र को खुशी हो। अंत में, एक विचार ने सभी का ध्यान खींच लिया – “रंग-बिरंगी चाय की प्याली”।

गाँव की सबसे पुरानी चाय की दुकान पर बच्चों ने जाकर रंग-बिरंगी चाय की प्यालियाँ मँगवाईं। ये प्यालियाँ किसी भी साधारण चाय के कप से बहुत अलग थीं। इनमें हर एक प्याली पर एक अलग रंग था और इन पर सुंदर चित्र बने हुए थे – सूरजमुखी, तितलियाँ, चाँद और तारें।

बच्चों ने प्यालियों को अच्छे से सजाया और उनमें चाय भर दी। लेकिन, ये चाय सिर्फ चाय नहीं थी। बच्चों ने अपने हाथों से चाय में अद्भुत मसाले डाले थे, जिनसे चाय की खुशबू और भी आकर्षक हो गई थी। चाय की हर प्याली में एक छोटा सा संदेश भी था, जिसे बच्चों ने खुद लिखा था।

टीचर्स डे की सुबह, जब मिस्टर रवींद्र स्कूल आए, तो उन्हें एक खूबसूरत सरप्राइज मिला। स्कूल के बड़े से हॉल को रंग-बिरंगे गुब्बारों और फूलों से सजाया गया था। बच्चे एक तरफ खड़े थे, हाथ में रंग-बिरंगी चाय की प्यालियाँ पकड़े हुए। उनकी आँखों में चमक और दिल में प्यार था।

जब मिस्टर रवींद्र ने चाय की प्यालियाँ देखीं, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने एक प्याली उठाई और उसमें से चाय की खुशबू महसूस की। प्याली पर लिखा हुआ संदेश पढ़ते ही उनकी आँखों में खुशी की चमक आ गई। बच्चों ने एक-एक करके प्यालियाँ मिस्टर रवींद्र को दीं और हर प्याली के साथ अपना छोटा सा संदेश पढ़ा।

टीचर्स डे पर बच्चों के लिए कहानी रंग-बिरंगी चाय की प्याली - bacchon ki kahaniyan
बच्चो की कहानियां | baccho ki hindi kahaniyan teacher day

“प्रिय मिस्टर रवींद्र, आपकी शिक्षाएँ हमारी ज़िन्दगी में रंग भर देती हैं। आपका प्यार और समर्पण हमारे लिए अनमोल हैं। यह रंग-बिरंगी चाय आपके लिए हमारी ओर से एक छोटा सा आभार है।”

संदेश पढ़कर मिस्टर रवींद्र की आँखों में आंसू थे, लेकिन ये आंसू खुशी के थे। उन्होंने बच्चों को गले लगाया और कहा, “आप लोगों ने इस टीचर्स डे को मेरे जीवन का सबसे खास दिन बना दिया है। यह चाय की प्याली सिर्फ चाय नहीं है, बल्कि आपके प्यार और प्रयास की मिसाल है।”

बच्चों और मिस्टर रवींद्र ने मिलकर चाय पाई और उस दिन को खुशी और हंसी के साथ बिताया। मिस्टर रवींद्र ने सोचा कि उनका असली पुरस्कार उनके छात्रों का प्यार और उनकी मुस्कान है, जो कि इस चाय की प्याली से भी कहीं ज्यादा मूल्यवान था।

इस तरह, टीचर्स डे पर रंग-बिरंगी चाय की प्याली ने सभी के दिलों में एक प्यारी सी याद छोड़ दी और मिस्टर रवींद्र और उनके छात्रों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत हो गया।


टीचर्स डे पर यह कहानी “ रंग बिरंगी चाय की प्याली “ हमें यह सिखाती है कि छोटे-छोटे प्रयास और दिल से किया गया काम किसी भी दिन को खास बना सकता है।

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FAQ : बच्चों के लिए शिक्षक दिवस से जुड़े सवाल और उनके जवाब:

5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस “ teachers day “ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था.

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?

उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। डॉ. राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है। उनका मानना था कि शिक्षकों को समाज में एक विशेष स्थान मिलना चाहिए और शिक्षक दिवस इसी विचार को जीवित रखता है।

शिक्षक दिवस पर शिक्षक को क्या बोलना चाहिए?

“आपके बिना हमारी शिक्षा की यात्रा अधूरी होती। आप हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक शिक्षक हैं। शिक्षक दिवस पर, हम आपको दिल से धन्यवाद और शुभकामनाएँ भेजते हैं।

गुरुजी का पाठ और जूते पॉलिश करने वाला एक लड़का जैसी मोटिवेशनल, ज्ञानवर्धक और रोचक Baccho Ki Hindi Kahaniya पढनें के लिए हमारे इस ब्लॉग “Baccho Ki Hindi Kahaniya – Kids Stories” पर आते रहिये और साथ ही अपनें आस पास के पेरेंट्स को भी इस ब्लॉग के बारे में बताएं | हो सके तो मेरा यह ब्लॉग दुसरे बच्चों और बच्चों के माता पिता के साथ जरूर शेयर करें:

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